Top 10] उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर | Famous temple in udaipur in Hindi

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उदयपुर, जिसे प्यार से “झीलों का शहर” भी कहा जाता है, में रॉयल्टी, रहस्य, आध्यात्मिकता और कला का मिश्रण है। पश्चिमी भारतीय राज्य राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित, उदयपुर अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति और परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। जिसका एक बड़ा हिस्सा इसकी वास्तुकला के माध्यम से परिलक्षित होता है। पूर्व मेवाड़ साम्राज्य की राजधानी के रूप में सेवा करने के बाद, उदयपुर अभी भी किलों, महलों और मंदिरों के रूप में राजपूत युग के निशान को संरक्षित करता है। उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर न केवल पूजा स्थल हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण में भी सबसे अधिक मांग वाले स्थान बन गए हैं।

10 उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर – Temple in udaipur in Hindi

यहाँ उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर हैं जो आपको आध्यात्मिकता और इतिहास से घेर लेंगे:

बोहरा गणेश जी मंदिर

बोहरा गणेश जी मंदिर

उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पास स्थित बोहरा गणेश मंदिर, शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। हिंदू भगवान गणेश को समर्पित मंदिर में नृत्य मुद्रा में उनकी एक विशाल मूर्ति है। इस क्षेत्र में एक लोकप्रिय मंदिर, यह भक्तों और पर्यटकों द्वारा समान रूप से देखा जाता है।

कैसे पहुंचा जाये: यह मंदिर सिटी सेंटर से लगभग 2 किमी और उदयपुर रेलवे स्टेशन से 4 किमी की दूरी पर स्थित है। इन स्थानों से मंदिर के लिए स्थानीय बसें आसानी से उपलब्ध हैं। विशिष्टता के लिए, पर्यटक आसपास के सभी स्थानों से इस मंदिर तक पहुंचने के लिए कैब या तिपहिया ऑटो किराए पर लेना पसंद करते हैं।

आने का समय: सुबह 6 बजे – शाम 8 बजे

श्री जगदीश मंदिर

श्री जगदीश मंदिर

उदयपुर में श्री जगदीश मंदिर रॉयल पैलेस के ठीक बाहर स्थित है और इसे उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर में से एक माना जाता है। माना जाता है कि वर्ष 1651 में स्थापित किया गया था, इस मंदिर को उदयपुर क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है। यह तीन मंजिला मंदिर इंडो-आर्यन स्थापत्य शैली में बनाया गया है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है।

उदयपुर के बारा पोल के पास सिटी पैलेस परिसर के पास इसका स्थान इसे और अधिक सुर्खियों में लाता है। मंदिर के 79 फीट ऊंचे शिखर पर अद्भुत मूर्तियां हैं, जो इसे दूर से ही दर्शनीय बनाती हैं। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह तक पहुंचने के लिए आपको 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी।

कैसे पहुंचा जाये: श्री जगदीश मंदिर उदयपुर के सिटी पैलेस परिसर के अंदर स्थित है। कई सड़कें गली के चौराहे तक जाती हैं जिसे जगदीश चौक के नाम से जाना जाता है, जहां जगदीश मंदिर स्थित है। इसलिए, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन सहित शहर के सभी हिस्सों से बसों, ऑटो या किसी अन्य सड़क परिवहन सुविधा के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है।

आने का समय: सुबह 4.15 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 5.15 से रात 8 बजे तक

श्री मनसापूर्णा करनी माता मंदिर

श्री मनसापूर्णा करनी माता मंदिर

दूध तलाई झील के पास स्थित, श्री मनसापूर्णा करणी माता तीर्थ उदयपुर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसे महाराणा कर्ण सिंह ने 1628 में बनवाया था। माचला मगरा पहाड़ियों पर स्थित मंदिर तक रोपवे के जरिए पहुंचा जा सकता है। 6 सीटों वाला यह रोपवे दीन दयाल उपाध्याय पार्क से शुरू होता है।

शीर्ष तक पहुँचने में 5 मिनट का समय लगता है जहाँ से आप परिदृश्य के लुभावने दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन के लिए दिन का सबसे अच्छा समय शाम का होता है। यह तब होता है जब आप केबल-कार से सूर्यास्त का शानदार नजारा देख सकते हैं।

कैसे पहुंचा जाये: उदयपुर और उदयपुर हवाई अड्डे में करणी माता मंदिर के बीच की दूरी लगभग 24 किमी है। यह मंदिर उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन के साथ-साथ उदयपुर सिटी बस डिपो से मात्र 4 किमी की दूरी पर स्थित है। इन सभी जगहों से स्थानीय टोंगा, ऑटो-रिक्शा और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।

आने का समय: सुबह 5.00 बजे – शाम 8.00 बजे

रोपवे के लिए शुल्क: वयस्क: INR 90 | बच्चे (>110 सेमी ऊंचाई): INR 45

महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर

यह महाकालेश्वर मंदिर उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है, जो साल भर पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। फतेह सागर झील के पास स्थित इस 900 साल पुराने मंदिर में भगवान शिव की एक मूर्ति है जिसे एक विशाल काले चूना पत्थर से तराशा गया है। रुद्राभिषेक आरती यहां का विशेष आकर्षण है। मंदिर परिसर में हिंदू देवताओं के विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर हैं।

कैसे पहुंचा जाये: मंदिर उदयपुर के अंबामाता क्षेत्र के रानी रोड पर स्थित है, जहाँ बस, निजी कैब और ऑटो-रिक्शा द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।

आने का समय: सुबह 6 बजे – शाम 8 बजे

श्री एकलिंगजी मंदिर

श्री एकलिंगजी मंदिर

एकलिंगजी मंदिर सबसे पुराने उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है, माना जाता है कि इसका निर्माण 971 ईस्वी में किया गया था। यह विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित 108 मंदिरों का एक परिसर है। एक आकर्षण मंदिर के मुख्य देवता भगवान शिव की चार मुख वाली मूर्ति है। मूर्ति को काले संगमरमर के बलुआ पत्थर से जटिल रूप से उकेरा गया है। 50 फीट लंबी यह पूजा और कला भगवान शिव के चार रूपों को दर्शाती है।

कैसे पहुंचा जाये: मंदिर उदयपुर के उत्तर की ओर स्थित है। यह राजमार्ग संख्या 8 पर है और शहर के केंद्र से 22 किमी की दूरी पर है। शहर के केंद्र से मंदिर तक स्थानीय परिवहन आसानी से उपलब्ध है।

आने का समय: सुबह 5 बजे – शाम 8 बजे

नीमच माता मंदिर

उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर
नीमच माता मंदिर

यह नीमच माता मंदिर उदयपुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। हरे-भरे देवलाली पहाड़ी के ऊपर स्थित, यह तीर्थस्थल फतेह सागर झील को देखता है। पीठासीन देवता को अंबाजी के नाम से भी जाना जाता है और माना जाता है कि वे उदयपुर के महाराजा की गृह देवी हैं। इस मंदिर के गर्भगृह में स्थित ‘हवन कुंड’ एक विशेष आकर्षण है। यह मंदिर आसपास के मनोरम दृश्य और नीचे की पूरी बस्ती के बगल में झीलों के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर तक आसानी से एक ट्रेक के माध्यम से पहुँचा जा सकता है या सीढ़ियों की उड़ान पर चढ़कर जिसकी दूरी लगभग 900 मीटर है।

कैसे पहुंचा जाये: उदयपुर के शिल्पग्राम क्षेत्र की फतेह सागर झील के तट पर स्थित, यह उदयपुर रेलवे स्टेशन से 7.5 किमी की दूरी पर है और बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

आने का समय: सुबह 6 बजे – शाम 8 बजे

महालक्ष्मी मंदिर

उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर
महालक्ष्मी मंदिर

माना जाता है कि महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण पूर्व महाराणा शंभू सिंह ने करवाया था। यह धन और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी को समर्पित है। श्रीमाली समाज की आंतरिक देवी के रूप में उनकी प्रशंसा की जाती है। इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों भक्त और पर्यटक आते हैं, खासकर दिवाली के दिन।

कैसे पहुंचा जाये: उदयपुर रेलवे स्टेशन से सिर्फ 3 किमी दूर स्थित, महालक्ष्मी मंदिर बस या ऑटो द्वारा 10 मिनट में पहुंचा जा सकता है।

आने का समय: सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक

सहस्त्रबाहु मंदिर

उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर
सहस्त्रबाहु मंदिर

उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर में से एक सहस्त्रबाहु मंदिर है। सहस्त्रबाहु नाम का अर्थ एक हजार भुजाओं वाला होता है। यह मंदिर के मुख्य देवता भगवान विष्णु को संदर्भित करता है। इसे अक्सर स्थानीय लोगों द्वारा सास-बहू मंदिर के रूप में संबोधित किया जाता है। और सास (सास) और बहू (बहू) के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक अनूठा प्रतीक माना जाता है।

कैसे पहुंचा जाये: मंदिर उदयपुर शहर क्षेत्र से लगभग 23 किमी दूर उदयपुर जिले के नागदा गाँव में स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए नियमित बस और टैक्सी उपलब्ध हैं।

आने का समय: सुबह 5 बजे – दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे – रात 9 बजे

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर

उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर

उदयपुर के बाहरी इलाके में स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर इस क्षेत्र का एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर है। टिटारडी गांव में एक पहाड़ी पर बसी एक गुफा में यह मंदिर है। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर 800 मीटर लंबी चढ़ाई है।

कैसे पहुंचा जाये: मंदिर उदयपुर शहर के केंद्र से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन कोई उचित संपर्क नहीं है। मंदिर तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका टैक्सी या निजी वाहन है।

आने का समय: सुबह 6 बजे – सुबह 11 बजे और शाम 5 बजे – शाम 8 बजे

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पूर्ववर्ती महाराजाओं की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उनकी समृद्ध जीवन शैली उदयपुर के झील शहर में स्थित लोकप्रिय भवन संरचनाओं के माध्यम से परिलक्षित होती है। उनमें से उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर हैं जो देश के सभी हिस्सों से कई भक्तों और यात्रियों को आकर्षित करते हैं। ये मंदिर अपनी स्थापत्य सुंदरता और शांत वातावरण के लिए देखने लायक हैं। उदयपुर की यात्रा की योजना बनाएं और इन सभी मंदिरों के दर्शन करें।

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